प्राइमरी स्कूल की टीचिंग योग्यता से बाहर किए गए बीएड अभ्यर्थियों ने फिलहाल अपना धरना स्थगित कर दिया है। 20 को सीटेट की परीक्षा है। इसके लिए उन्हें एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। एडमिट कार्ड जारी होने के बाद उन्होंने अपना धरना फिलहाल रोक दिया है।
प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड की डिग्री को योग्य न मानने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बीएड डिग्रीधारी युवा काफी परेशान हैं। इस फैसले के विरोध में बीएड अभ्यर्थियों ने बृहस्पतिवार से बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया। यह धरना आगे भी होना था लेकिन इस बीच 20 अगस्त को होने वाले सीटेट की परीक्षा के लिए उन्हें एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। इसके बाद छात्रों ने 20 अगस्त तक अपना धरना-प्रदर्शन रोक दिया है। छात्रों ने बताया कि चूंकि अब उन्हें परीक्षा की तैयारी करनी है इसलिए वह इस परीक्षा के बाद फिर से जुटेंगे।
अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की वह यूपी में बीएड अभ्यर्थियों को पीआरटी (कक्षा एक से पांच) की शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश जारी करे और इसके लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) में भी अपना आवेदन करे।
17 लाख हैं बीएड डिग्री धारक
अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रदेश में 13 से 17 लाख बीएड डिग्री धारक हैं। जिन्होंने पीआरटी में भर्ती के लिए ही बीएड की डिग्री ली है। अब अचानक उन्हें अयोग्य कर दिया गया है। कहा, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं की गई। कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने बीटेक, बीकॉम के बाद बीएड किया है।
वे पीआरटी के अलावा किसी और शिक्षक भर्ती के लिए योग्य नहीं हैं। प्रदेश सरकार हमारी मांग एनसीटीई तक पहुंचाए। चार साल से टीजीटी, पीजीटी की भर्ती नहीं आई है। ऐसे में उनके पास नौकरी का कोई विकल्प नहीं होगा। अभ्यर्थियों की महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से वार्ता हुई उन्होंने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। हालांकि इसके बाद भी अभ्यर्थी निदेशालय पर डटे रहे। शाम करीब सात बजे अभ्यर्थियों का धरना पुलिस ने समाप्त कराया।