लखनऊ: 02 सितम्बर
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज सोमवार को जानकीपुरम स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के नव निर्मित भवन का लोकार्पण एवं उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में नवनिर्मित दो द्वारों का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के शैक्षिक विकास की सराहना करते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान से एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने अपने सम्बोधन में भारत को 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि देश को विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में हम तेजी से अग्रसर हैं। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए इस वर्ष के बजट में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। शिक्षा हेतु 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के लिए 19,025 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे विद्यार्थी जो किसी सरकारी योजना के पात्र नहीं हैं, उनके लिए प्रतिवर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये तक के ऋण की ब्याज में छूट का प्रावधान किया गया है। अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की शीर्ष कंपनियों में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। इसके साथ ही, मॉडल कौशल ऋण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 25 हजार विद्यार्थियों को 7.5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। राज्यपाल जी ने बताया कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) के तीन नए केंद्र स्थापित करने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।राज्यपाल जी ने यह भी बताया कि बजट में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम ऊषा) के लिए 1,814.94 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना के लिए 1,558 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के लिए पहली बार 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो छात्रों को डिजिटल शिक्षा सामग्री तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। साथ ही, विश्वविद्यालयों और संस्थानों की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के लिए 5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को 10 साल आगे की योजना बनाने और समय-समय पर उसकी समीक्षा करते हुए आगे बढ़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बजट के अनुसार विश्वविद्यालय को अपनी योजनाओं को आकार देना चाहिए, जिससे वो दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। जोर देकर कहा कि कमिटमेंट के साथ कार्य करने पर बदलाव अवश्य आता है। जब हम कुछ नया सोचते हैं और करते हैं, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में टेक्नोलॉजी रोज़ बदल रही है, इसलिए सभी को भी अपने आप को बदलने की आवश्यकता है।युवाओं को स्वरोजगार और कौशल-आधारित शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि बड़ा लक्ष्य रखना चाहिए, तभी बड़ी सफलता प्राप्त हो सकती है। राज्यपाल जी ने कहा कि नैक और एन.आई.आर.एफ. जैसे मानकों के कारण विश्वविद्यालय में सकारात्मक माहौल बना है। उन्होंने कहा कि अब अध्यापकों के बीच आपसी सामंजस्य और सहयोग बढ़ा है। राज्यपाल जी ने कहा कि भारत सरकार ’सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर आगे बढ़ रही है। समाज में सभी का विकास होना चाहिए, और सबको सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने युवाओं को अगले 25 वर्षों में ऐसा कार्य करने की प्रेरणा दी, जिससे भारत विश्व का नेतृत्व कर सके। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ट्रिपल क्राउन लोगो के साथ विधि, आई.एम.एस, इंजीनियरिंग एवं फार्मेसी के न्यूज़ लेटर एवं प्रगति रिपोर्ट का अनावरण किया तथा संस्थान में निर्मित उच्च तकनीक से सुसज्जित इंडस्ट्रियल फार्मेसी एवं फिजिकल फार्मास्युटिकल की प्रयोगशालाओं, मशीन रूम, दो लेक्चर थियेटर, म्यूजियम एवं औषधीय पौधशाला का भ्रमण भी किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय ने नवीन परिसर को डिसेंट परिसर से संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल जी के मार्गदर्शन में इस परिसर ने उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि द्वितीय परिसर में भविष्य में एक लड़कों के हॉस्टल का निर्माण, एक मूट कोर्ट, टैगोर लाइब्रेरी का विस्तार और फार्मेसी संकाय में एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण कराये जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने एनईपी के दिशानिर्देशों को अपनाने में एक पायनियर की भूमिका निभाई है, जिसमें बहु-निकासी विकल्पों के साथ लचीले स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की पेशकश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जी की प्रेरणा और कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश का उच्च शिक्षा में यह स्वर्णकाल है।इस अवसर पर विश्वविद्यालय की उप कुलपति प्रो0 मनुका खन्ना सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं संकाय सदस्य तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।