अमेठी –हमारे देश का किसान अपनी फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक बड़ी जी-तोड़ मेहनत करता है। चाहे गर्मी का मौसम हो, सर्दी का मौसम हो या बरसात का मौसम हो हमारे देश का किसान हर मौसम से लड़ते हुए बहुत मेहनत से फसल को घर तक ले आता है। इस दौरान ठंड, गर्मी या आकाशीय बिजली गिरने, किसी दुर्घटना से कभी-कभी किसानों की मौत भी हो सकती है। इस तरह असामयिक मौत या दुर्घटना हो जाने से किसान परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। इस दौरान किसानों की मदद को कोई भी आगे नही आता है। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने “उ0प्र0 मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना” की शुरूआत की है। यदि किसी किसान की असामयिक मृत्यु/दिव्यांगता होती है तो उसके परिवार को रु0 5 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु “उ0प्र0 मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना” की शुरूआत 2019 में शुरू की गई थी और जनवरी 2020 में इसे कैबिनेट की मंजूरी दी गई थी। इस योजना का संचालन जिले के जिलाधिकारी द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत जो किसान 14 सितंबर 2019 के बाद से किसी दुर्घटना में शिकार हुए हैं उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है।किसानों की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि ही होता है, अगर किसी किसान की दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है, या वह शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है, जिसके कारण वह कृषि करने के लायक नहीं रह जाता तो उसके परिवार की जीविका चलाने के लिए कोई साधन नहीं बचता है। इसी समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू करने का निर्णय लिया है। उ0प्र0 मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसी किसान की दुर्घटनावश असामयिक मृत्यु हो जाती है तो उसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रु0 5 लाख तक का मुआवजा प्रदान किया जाता है और यदि किसान की मृत्यु नहीं होती है फिर भी वह विकलांग होता है तो उसे आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत राज्य के सभी किसानों को शामिल किया गया है।मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत्यु/गंभीर घायलोंको लाभ प्राप्त होता है, जिनमें सांप अथवा अन्य जीव-जंतु व जानवर के काटने, मारने व आक्रमण की स्थिति में, आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति में, हत्या, आतंकवादी हमला, लूट, डकैती, मारपीट में हुई दुर्घटना में, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने से, रेल, सड़क और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटना, आंधी-तूफान, वृक्ष गिरने, दबने व मकान गिरने से होने वाली क्षति के कारण, आकाश से बिजली गिरने, आग लगने, बाढ़ आदि में होने वाली दुर्घटना की स्थिति में और सीवर चौम्बर में गिरने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति में किसान/संबंधित परिवार को लाभान्वित किया जाता है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ उन्ही किसानों को दिया जायेगा जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के मध्य हो। भूलेख निर्गत खतौनी में दर्ज खातेदार/सह खातेदार, भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त कृषि भूमि के पट्टाधारक हो या बटाईदार जो कृषि का कार्य करते हो उनकी दुर्घटनावश मृत्यु अथवा विकलांगता के शिकार हुए हों उनके माता-पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्रवधू, पौत्र-पौत्री जिनकी आय का जरिया खातेदार/सहखातेदार में दर्ज कृषि भूमि से चलता हो, इस योजना के लिए पात्र होंगें। ऐसे किसान जिनके पास खुद की जमीन नहीं है किन्तु वह बटाई अथवा पट्टे की भूमि लेकर खेती करतें हैं उन्हें अथवा उनके आश्रितों को भी योजना का लाभ दिया जाता है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आवेदन करने हेतु प्रमुख दस्तावेज लगाने होते है जिनमें तहसील से प्राप्त खतौनी की प्रमाणित प्रति, रजिस्टर्ड निजी पट्टेदार हेतु प्रर्स्त 3(क) के अनुसार पट्टे की प्रमाणित प्रति, बटाईदार हेतु प्रस्तर 3(ख) के अनुसार कोई एक प्रमाण पत्र, मृतक विकलांग व्यक्ति की आयु का प्रमाण, मृत्यु प्रमाण पत्र, मृतक/विकलांग निवास का प्रमाण, मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है वहां पर पंचनामा, दिव्यांगता की स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, मृतक के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति संलग्न करने होते है। प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सफल एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन किये जाने हेतु वेबपोर्टल/सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जो आम जनता के लिए क्रियाशील है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने 1000 करोड़ रूपये का बजट प्राविधानित किया गया है। इस योजना से प्रदेश के 24 हजार से अधिक पात्रों को लाभान्वित कराया जा रहा है।