कर्ज में डूबे किसान से मणिपुर में हिन्दुस्तान की हत्या के आरोप तक, राहुल के भाषण की 5 बड़ी बातें

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राहुल गांधी बुधवार को सांसदी बहाल होने के बाद पहली बार सदन में बोले। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा के दौरान राहुल ने अपनी बात रखी। इस दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर राहुल सबसे ज्यादा हमलावर रहे। आइये जानते हैं राहुल के भाषण की पांच बड़ी बातें…

 

भारत जोड़ो यात्रा पर बोले- मेरी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है 

राहुल ने कहा कि पिछले साल 130 दिन के लिए मैं भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक गया। अकेला नहीं था। बहुत सारे लोगों के साथ गया। मैं समुंदर के तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ी तक चला। यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। यात्रा जारी है। जरूर लद्दाख भी जाऊंगा।

बहुत सारे लोगों ने मुझसे यात्रा के दौरान पूछा कि राहुल तुम क्यों चल रहे हो? कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो? जब वो मुझसे पूछते थे तो शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं पता था कि मैंने यात्रा क्यों शुरू की है? जब मैंने कन्याकुमारी से शुरू किया तो मुझे लगा कि मैं भारत को समझना चाहता हूं, लेकिन गहराई से मुझे पता नहीं था। थोड़े दिन में मुझे बात समझ आने लगी। जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेलों में तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैंने 10 साल हर रोज गाली खाई, उस चीज को मैं समझना चाहता हूं। ये आखिर है क्या, जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे मैं समझना चाह रहा था।

 

‘मेरा अहंकार मिट गया’
राहुल ने कहा कि वर्षों से मैं हर रोज आठ-दस किलोमीटर दौड़ रहा हूं। शुरुआत में मैंने सोचा था कि जब दस किलोमीटर दौड़ सकता हूं तो 25 किलोमीटर चलने का क्या मतलब? मैं कर सकता हूं। तब दिल में अहंकार था। मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है। एक सेकंड में मिटा देता है। दो-तीन दिन में मेरे घुटने में दर्द शुरू हुआ। पुरानी चोट थी। हर रोज, हर कदम दर्द। पहले दो-तीन दिनों में जो अहंकार था, जो भेड़िया निकला था,
वह चींटी बन गया। वह पूरा अहंकार गायब हो गया। रोज मैं डर-डरकर चलता था कि क्या मैं कल चल पाऊंगा? यह मेरे दिल में दर्द था। मैं सह नहीं पा रहा था। एक लड़की आती है, एक चिट्ठी दे देती है। आठ साल की लड़की लिखती है- राहुल आय एम वॉकिंग विद यू, डोंट वरी। उस लड़की ने मुझे शक्ति दी, लाखों लोगों ने मुझे शक्ति दी। कोई किसान आता था, मैं एकदम उसे अपनी बात बताता था कि आपको ये करना चाहिए, वो करना चाहिए। हजारों लोग आए, फिर मैं बोल नहीं पाता था। जो मेरे दिल में बोलने की इच्छा थी, वह बंद हो गई। एक सन्नाटा सा छा गया। भीड़ की आवाज थी। भारत-जोड़ो, भारत-जोड़ो। जो मेरे से बात करता गया, उसकी आवाज में सुनता गया।

किसान ने कहा- उद्योगपतियों ने मेरे बीमा का पैसा छीन लिया
राहुल ने कहा कि हर रोज सुबह छह बजे से रात सात-आठ बजे तक गरीब, किसान, मजदूर, व्यापारी, सबकी आवाज सुनी। मैं बात सुनता गया। फिर मेरे पास एक किसान आया और किसान ने हाथ में रुई पकड़ी हुई थी और उसने मुझे कहा कि राहुल जी, यही बचा है मेरे खेत का और कुछ नहीं बचा।
मैंने उससे पूछा कि क्या बीमा का पैसा मिला? किसान ने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि मुझे पैसा नहीं मिला। हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने वह मुझसे छीन लिया। मगर इस बार अजीब सी चीज हुई। उसके दिल में जो दर्द था, वह मेरे दिल में आया। जब वह अपनी बीवी से बात करता था, वह शर्म जो उसकी आंखों में थी, वह शर्म मेरी आंखों में आई। उसके बाद यात्रा बदल गई। मुझे भीड़ की नहीं, सिर्फ उस व्यक्ति की आवाज सुनाई देती थी। उसका दर्द, उसकी चोट, उसका दुख, मेरा दुख, मेरी चोट, मेरा दर्द बन गया।
‘मैं मणिपुर गया, प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए’
राहुल ने कहा कि कुछ ही दिन पहले मैं मणिपुर गया। हमारे प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। मैंने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, लेकिन आज की सच्चाई यह है कि मणिपुर नहीं बचा है। मणिपुर को आपने दो भाग में बांट दिया है, तोड़ दिया है। मैं मणिपुर में राहत शिविरों में गया। वहां महिलाओं से बात की, बच्चों से बात की, जो प्रधानमंत्री ने आज तक नहीं की।

राहुल ने कहा- इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है
राहुल ने कहा कि एक महिला से पूछा कि क्या हुआ आपके साथ? वो कहती हैं कि मेरा छोटा सा बेटा था, एक ही बच्चा था मेरा, मेरी आंखों के सामने उसे गोली मारी गई। …आप अपने बेटों के बारे में सोचिए। मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही। (विपक्ष ने कहा कि ये झूठ है, इस पर राहुल ने कहा कि नहीं, झूठ आप बोलते हैं, मैं नहीं) फिर मुझे डर लगा, मैंने घर छोड़ दिया। मैंने पूछा कि कुछ तो लाई होगी। वो बोलीं कि सिर्फ मेरे कपड़े मेरे पास हैं। …फिर फोटो निकालकर कहती हैं कि यही मेरे पास अब बचा है। दूसरे शिविर में एक और महिला से पूछा कि तुम्हारे साथ क्या होगा। जैसे ही मैंने सवाल पूछा, वैसे ही वो कांपने लगी, उसने अपने दिमाग में वह दृश्य याद किया और बेहोश हो गई। …इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है, इनकी राजनीति ने मणिपुर को नहीं, हिंदुस्तान को मणिपुर में मारा है। हिंदुस्तान का मणिपुर में मर्डर किया है।
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